शुक्रवार, 6 मार्च 2009

भाजपाइयों की कैट वाक .......

देख के इनकी ऐसी वाक  

कैट को मेरी लग गया शॉक  ...............

 

राजनीति के रेम्प पे    

चलना संभल-संभल के  

ये स्टेज है तुम्हारा  

मंत्री तुम्ही हो कल के.

 

वोटर के ताने सुनना  

और कुछ ना मुंह से कहना   

सिर को झुका-झुका के

वोटों को लेते रहना

 

रख दोगे एक दिन तुम

श्रीराम को कमल पे

 

साइकिल कोई चलाए

या राह में हाथी आए

देखो कमल तुम्हारा

हरगिज़ न मुरझा पाए

 

युवराज जो रोके रास्ता

चलना राह बदल के

 

आडवानी के सिर पे

दिल्ली का ताज रखना

दल को बदल जो आए

दरवाज़ा खुला रखना

 

गोटी नई बिछेगी

मोदी बिसात चलके